
पद से व्यक्ति का महत्व हो सकता है लेकिन उसका सम्मान उसके कर्मों से होता है।
नौकरी मे ईमान और बिज़नेस मे आराम जिस दिन भूल गए तरक्की उसी दिन मिल जाएगी लेकिन राजनीति मे ये दोनों भूलने पर ही कुछ भी संभव...
वैचारिक रूप मे जिंदा रहने की आकांछा हमे महान बनाती है जबकि शारीरिक रूप से अमर होने की उत्कंठा हमे शैतान बनाती है।