
कई दिनों तक मेरे जेहन मे वो प्रश्न सा दिखने वाला उत्तर कौंधता रहा मै एक सस्पिशन मे था कि सफलता के लिए जरूरी क्या है?उनकी पूरी सिखाई हुई बातें या वो अंतिम वाक्य जिसे मै अपने जीवन से निकाल दिया था। वैसे वक्त हर पल परिवर्तित होता रहता है लेकिन इस पल का करवट मुझे बहुत ही व्याधित कर रहा था।फिर मै अपने उस मित्र के पास पहुँचा। मुझे देखते ही उसने कहा-
-क्यों भाई आजकल आप बड़े नेताओं के साथ सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं।
-उसकी बात छोड़ो मित्र, ये सच है कि पिछला कुछ दिन मेरे लिए बहुत ही सफल रहा लेकिन एक बात मेरे दिमाग मे कौंध रहा है।
-कौन सी बात ?
-कभी इश्क किया है?
-आप मुझसे पूछ रहे हो?
-नही।
-तब?
-मैंने सारी बातें विस्तृत रूप से उन्हें बताया, मैने बताया कि सफलता के लिए तमाम आदर्श मापदंड बनाये गए हैं। मै उनमे विश्वास करता हूं। राष्ट्र प्रेम और जनसेवा भाव राजनीति के लिए सबसे जरूरी चीज है। विकास की ओर निरंतर अग्रसर रहना, ईमानदारी से अपने कर्तव्य का पालन करना तथा जीवन पर्यंत इन मूल्यों पर चलते हुए जीवन के परे भी संघर्ष की नीव रखना ही मेरे हिसाब से हमारी राजनीति का लक्ष्य होना चाहिए।
-ये सब कुछ ठीक तो है।तो प्रॉब्लम क्या है?
-वो प्रश्न- कभी इश्क किया है?
-मेरे मित्र तुम्हे सबकुछ समझ मे आजायेगा।
-कब?
-करोगे इश्क तो जान जाओगे।
12/09/2021